AI से कितना बदलेगा एजुकेशन सिस्टम, क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षकों की जगह ले लेगा? जानें क्या कहती है रिपोर्ट
करीबन 49 फीसदी शिक्षक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रभाव के लिए तैयार नहीं हैं. शिक्षक का यह मानना है कि AI-सक्षम भविष्य में छात्रों को सशक्त बनाने और उन्हें इसके लिए तैयार करने में मदद करने के लिए और अधिक प्रयास किए जाने चाहिए.
जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया भर में अपने पैर पसार रही है, कम से कम आधे (49 फीसदी) शिक्षक इसके प्रभाव के लिए तैयार नहीं हैं. एक नई रिपोर्ट से यह पता चला है कि शिक्षक का यह मानना है कि AI-सक्षम भविष्य में छात्रों को सशक्त बनाने और उन्हें इसके लिए तैयार करने में मदद करने के लिए और अधिक प्रयास किए जाने चाहिए.
शिक्षक से AI के समर्थन की सिफारिश
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (OUP) की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारों को शिक्षा में बदलाव के लिए AI की क्षमता का उपयोग करने के लिए स्कूलों का समर्थन करना चाहिए, जिसने स्कूलों में AI के उपयोग का समर्थन करने और शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता संसाधनों को प्राथमिकता देने के लिए स्कूल नेताओं और शिक्षा व्यवसाय के नेताओं के लिए सिफारिशें भी की हैं.
अगर वर्तमान शिक्षा प्रणाली AI के युग के अनुकूल नहीं होती है, तो विद्यार्थियों को इसके इंप्लिमेंटेशन में असमानताओं का अनुभव हो सकता है और भविष्य के लिए व्यापक संज्ञानात्मक कौशल (broader cognitive skills) विकसित करने से रोका जा सकता है, इससे सीखने के परिणामों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
छात्र शिक्षा में AI की भूमिका
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक विभाग OUP के सीईओ निगेल पोर्टवुड ने कहा, कि हमारे रिसर्च से पता चलता है कि शिक्षक और छात्र शिक्षा में AI की भूमिका के बारे में आशावादी हैं और पहचानते हैं कि यह सीखने पर सकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता रखता है. हालांकि, इस उन्नत तकनीक से जुड़े कई अनुत्तरित प्रश्न और संभावित जोखिम हैं.
AI के जोखिमों और प्रभावों पर विचार
वैश्विक प्रकाशक ने चेतावनी दी कि AI के जोखिमों और प्रभावों पर उचित विचार किए बिना या इसका उपयोग करने के तरीके पर स्पष्ट मार्गदर्शन के बिना, प्रयोग की अपरिहार्य और आवश्यक अवधि के दौरान शिक्षण और सीखने के मानक प्रभावित हो सकते हैं.
रिपोर्ट में विषय पर मौजूदा शोध शामिल है, इसमें यूके, हांगकांग, जापान, इटली, ऑस्ट्रेलिया, यूएई और अन्य देशों में ओयूपी के वैश्विक शिक्षक नेटवर्क के सर्वेक्षण के डेटा शामिल हैं.
इन देशों में स्कूली कार्यों में AI का उपयोग
निष्कर्षों से पता चला कि AI पर प्रासंगिक अंतर्दृष्टि और शोध को एक ही स्थान पर एकत्रित करने से लगभग 88 फीसदी शिक्षकों को लाभ होगा. रिपोर्ट में कहा गया है, यूके के आधे (47 फीसदी) शिक्षक सोचते हैं कि उनके छात्र पहले से ही अपने स्कूली कार्यों में AI का उपयोग कर रहे हैं. इसके विपरीत, यूके के केवल एक तिहाई (35 फीसदी) शिक्षक और दुनिया भर में 38 फीसदी शिक्षक स्वयं मशीन लर्निंग द्वारा संचालित उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं.
AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन
अगले महीने, यूके वैश्विक AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. OUP दुनिया भर की सरकारों से AI के इर्द-गिर्द भविष्य की चर्चाओं में शिक्षा पर विचार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान कर रही है कि शिक्षक और छात्र इसका सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकें, जिससे शिक्षण और सीखने पर सकारात्मक प्रभाव पड़े.
पोर्टवुड ने कहा, जैसा कि ज्यादातर लोग AI को अपनाना और प्रयोग करना शुरू करते हैं, सरकारों और शिक्षा नेताओं को विद्यार्थियों और शिक्षकों को आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए और जल्दी से कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि वे AI-सक्षम भविष्य में आगे बढ़ सकें.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
03:14 PM IST